“तन जला कर रोटियां पकाती है माँ ।।।
नादान बच्चे अचार पर रूठ जाते हैं |”
Ek farishta jo sath hoti hai,
Wo or koi nai sirf maa hoti hai..
जब-जब तवे पर रोटी पूरी फूल जाती है
तब-तब चूल्हे पर बैठी माँ याद आती है.
इक औरत की जिंदगी गुजर जाती ह, मुिशकलो से जुझने मे,
कभी अपने हक के लिए तो, कभी अपने आस्तित्व के लिए..
आज के बच्चे बड़े होते ही तुमसे ये हिसाब मांगेंगे
क्यों लगाई आग बचपन में इसका जवाब मांगेगे
दुनिया मे तेरे प्यार का कोई तोल नहीं,
तेरे अहसानों का माँ दुनिया में कोई मोल नही..
तेरे नाम की तुलना में दुनिया मे कोई बोल नहीं,
स्वार्थ की दुनिया मे तेरी कोई पोल नही..
माँ ममता का वह रूप, जिसमे प्यार का कोई अंत नहीं..
zindgi k 5 sach…….
sach no 1 ..- maa k siwa koi wafadar
nhi
..
sach no. 2 – …gareeb ka koi dost
nahi
.
sach no. 3 –log achi seerat ko nahi
achi surat ko tarjeeh dete h
.
sach no 4–….izzat sirf paise ki h
insaan ki nahi
.
sach no 5 –…insaan jis shakhs k liye dil
se mukhlis ho wohi shakhs dukh dard
deta h ….
“पिता” और “माँ”
“…………पिता……………..”
पिता- घर का आधार है,
पिता-कभी डांट तो कभी दुलार है ।
पिता- बच्चों के सपनों की आशा है,
पिता-बचपन के खिलौनों की अभिलाषा है ।
पिता-हैं तो सर पर आसमान है,
पिता-न हों तो ये गुलशन वीरान है ।
पिता- से घर का मान सम्मान है,
पिता-हैं तो जान है जहान है।
पिता-हमारे लिए संस्कारों का खजाना है,
पिता-गम में ख़ुशी का ठिकाना है ।
पिता-हार में जीत की आस है,
पिता-सफलता का पूर्ण विश्वास है ।
पिता- जीवन रुपी पेंड का तना है,
पिता- न हो तो अँधेरा घना है ।
“………….”माँ”………….”
माँ- दुःख में सुख का एहसास है,
माँ – हरपल मेरे आस पास है ।
माँ- घर की आत्मा है,
माँ- साक्षात् परमात्मा है ।
माँ- आरती, अज़ान है,
माँ- गीता और कुरआन है ।
माँ- ठण्ड में गुनगुनी धूप है,
माँ- उस रब का ही एक रूप है ।
माँ- तपती धूप में साया है,
माँ- आदि शक्ति महामाया है ।
माँ- जीवन में प्रकाश है,
माँ- निराशा में आस है ।
माँ- महीनों में सावन है,
माँ- गंगा सी पावन है ।
माँ- वृक्षों में पीपल है,
माँ- फलों में श्रीफल है ।
माँ- देवियों में गायत्री है,
माँ- मनुज देह में सावित्री है ।
माँ- ईश् वंदना का गायन है,
माँ- चलती फिरती रामायन है ।
माँ- रत्नों की माला है,
माँ- अँधेरे में उजाला है,
माँ- बंदन और रोली है,
माँ- रक्षासूत्र की मौली है ।
माँ- ममता का प्याला है,
माँ- शीत में दुशाला है ।
माँ- गुड सी मीठी बोली है,
माँ- ईद, दिवाली, होली है ।
माँ- इस जहाँ में हमें लाई है,
माँ- की याद हमें अति की आई है ।
माँ- मैरी, फातिमा और दुर्गा माई है,
माँ- ब्रह्माण्ड के कण कण में समाई है ।
“घास पर खेलता है इक बच्चा, पास बैठी माँ मुस्कुराती है,
मुझको हैरत है क्यों दुनिया काबा ओर सोमनाथ जाती है..”
माँ ने आखरी रोटी भी मेरी थाली में परोस दी,
जानें क्यों फिर भी मंदिर में भगवान ढूढ़ता हूँ मै !
क्या गुजरी होगी उस बुढ़ी माँ के दिल पर जब उसकी बहु ने कहा -:
“माँ जी, आप अपना खाना बना लेना, मुझे और इन्हें आज एक पार्टी में जाना है …!!”
बुढ़ी माँ ने कहा -: “बेटी मुझे गैस चुल्हा चलाना नहीं आता …!!”
तो बेटे ने कहा -: “माँ, पास वाले मंदिर में आज भंडारा है , तुम वहाँ चली जाओ ना खाना बनाने की कोई नौबत ही नहीं आयेगी….!!!”
माँ चुपचाप अपनी चप्पल पहन कर मंदिर की ओर हो चली…..
यह पुरा वाक्या 10 साल का बेटा रोहन सुन रहा था |
पार्टी में जाते वक्त रास्ते में रोहन ने अपने पापा से कहा -:
“पापा, मैं जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा ना तब मैं भी अपना घर किसी मंदिर के पास
ही बनाऊंगा ….!!!
माँ ने उत्सुकतावश पुछा -: क्यों बेटा ?
.
.
.
.
रोहन ने जो जवाब दिया उसे सुनकर उस बेटे और बहु का सिर शर्म से नीचे झुक गया जो अपनी माँ को मंदिर में छोड़ आए थे…..
रोहन ने कहा -: क्योंकि माँ, जब मुझे भी किसी दिन ऐसी ही किसी पार्टी में जाना होगा
तब तुम भी तो किसी मंदिर में भंडारे में खाना खाने जाओगी ना और मैं नहीं चाहता कि तुम्हें कहीं दूर के मंदिर में जाना पड़े….!
वृद्धों की सेवा हमारा धर्म है ।
मातृ देवो भव्
पितृ देवो भव्।
प्यारी माँ मुझको तेरी दुआ चाहिये ।
तेरे आँचल कि ठण्डी हवा चाहिये ।
लोरी गा गाके मुझको सुलाती है तुं ।
मुस्कुराकर सवेरे जगाती है तु ।
मुझको इसके सिवा और क्या चाहिये ।
तेरी ममता के साये मेँ फुलुं फलुँ ,
थामकर तेरी अगुलीँ मै बढती चलुं ।
तेरी खिदमत से दुनियाँ मे अजमत मेरी,
तेरे पैरोँ के नीचे है जन्नत मेरी ।
आसरा बस तेरे प्यार का चाहिये ।
प्यारी माँ मुझको तेरी दुआ चाहिये
● ● ● ●
‘हर युग में और सशक्त होती महिला’
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
___/\___ मित्रों…,
मुश्किल नहीं कुछ भी
बस संकल्प करना हैं
सब कुछ हमारे अंदर ही हैं
बाहर नहीं तलाश करना हैं
ये विश्वास ही रगों में भरना हैं
इस ‘महिला-दिवस’ पर
यही महान काज हम सबको करना हैं ।
सिर्फ़ एक दिन नहीं,
हर दिन हमको सशक्त हो कर जीना हैं,
सबसे पहले अपने आप से प्यार करना हैं ।
मौत की आग़ोश में जब थक के सो जाती है माँ
तब कहीं जाकर ‘रज़ा‘ थोड़ा सुकूं पाती है माँ
फ़िक्र में बच्चे की कुछ इस तरह घुल जाती है माँ
नौजवाँ होते हुए बूढ़ी नज़र आती है माँ
रूह के रिश्तों की गहराईयाँ तो देखिए
चोट लगती है हमारे और चिल्लाती है माँ
ओढ़ती है हसरतों का खुद तो बोसीदा कफ़न
चाहतों का पैरहन बच्चे को पहनाती है माँ
एक एक हसरत को अपने अज़्मो इस्तक़लाल से
आँसुओं से गुस्ल देकर खुद ही दफ़नाती है माँ
भूखा रहने ही नहीं देती यतीमों को कभी
जाने किस किस से, कहाँ से माँग कर लाती है माँ
हड्डियों का रस पिला कर अपने दिल के चैन को
कितनी ही रातों में ख़ाली पेट सो जाती है माँ
जाने कितनी बर्फ़ सी रातों में ऐसा भी हुआ
बच्चा तो छाती पे है गीले में सो जाती है माँ
जब खिलौने को मचलता है कोई गुरबत का फूल
आँसुओं के साज़ पर बच्चे को बहलाती है माँ
फ़िक्र के श्मशान में आखिर चिताओं की तरह
जैसे सूखी लकड़ियाँ, इस तरह जल जाती है माँ
भूख से मजबूर होकर मेहमाँ के सामने
माँगते हैं बच्चे जब रोटी तो शरमाती है माँ
ज़िंदगी की सिसकियाँ सुनकर हवस के शहर से
भूखे बच्चों को ग़िजा, अपना कफ़न लाती है माँ
मुफ़लिसी बच्चे की ज़िद पर जब उठा लेती है हाथ
जैसे हो मुजरिम कोई इस तरह शरमाती है माँ
अपने आँचल से गुलाबी आँसुओं को पोंछकर
देर तक गुरबत पे अपनी अश्क बरसाती है माँ
सामने बच्चों के खुश रहती है हर इक हाल में
रात को छुप छुप के लेकिन अश्क बरसाती है माँ
कब ज़रूरत हो मिरी बच्चे को, इतना सोचकर
जागती रहती हैं आँखें और सो जाती है माँ
पहले बच्चों को खिलाती है सुकूनो चैन से
बाद में जो कुछ बचा, वो शौक़ से खाती है माँ
माँगती ही कुछ नहीं अपने लिए अल्लाह से
अपने बच्चों के लिए दामन को फैलाती है माँ
दे के इक बीमार बच्चे को दुआएं और दवा
पाएंती ही रख के सर क़दमों पे सो जाती है माँ
जाने अन्जाने में हो जाए जो बच्चे से कुसूर
एक अन्जानी सज़ा के डर से थर्राती है माँ
गर जवाँ बेटी हो घर में और कोई रिश्ता न हो
इक नए अहसास की सूली पे चढ़ जाती है माँ
हर इबादत, हर मुहब्बत में निहाँ है इक ग़र्ज़
बेग़र्ज़ , बेलौस हर खि़दमत को कर जाती है माँ
अपने बच्चों की बहारे जिंदगी के वास्ते
आँसुओं के फूल हर मौसम में बरसाती है माँ
ज़िंदगी भर बीनती है ख़ार , राहे ज़ीस्त से
जाते जाते नेमते फ़िरदौस दे जाती है माँ
बाज़ुओं में खींच के आ जाएगी जैसे कायनात
ऐसे बच्चे के लिए बाहों को फैलाती है माँ
एक एक हमले से बच्चे को बचाने के लिए
ढाल बनती है कभी तलवार बन जाती है माँ
ज़िंदगानी के सफ़र में गर्दिशों की धूप में
जब कोई साया नहीं मिलता तो याद आती है माँ
प्यार कहते है किसे और मामता क्या चीज़ है
कोई उन बच्चों से पूछे जिनकी मर जाती है माँ
पहले दिल को साफ़ करके खूब अपने खून से
धड़कनों पर कलमा ए तौहीद लिख जाती है माँ
सफ़हा ए हस्ती पे लिखती है उसूले ज़िंदगी
इस लिए इक मकतबे इस्लाम कहलाती है माँ
उसने दुनिया को दिए मासूम राहबर इस लिए
अज़्मतों में सानी ए कुरआँ कहलाती है माँ
घर से जब परदेस जाता है कोई नूरे नज़र
हाथ में कुरआँ लेकर दर पे आ जाती है माँ
दे के बच्चे को ज़मानत में रज़ाए पाक की
पीछे पीछे सर झुकाए दूर तक जाती है माँ
काँपती आवाज़ से कहती है ‘बेटा अलविदा‘
सामने जब तक रहे हाथों को लहराती है माँ
रिसने लगता है पुराने ज़ख्मों से ताज़ा लहू
हसरतों की बोलती तस्वीर बन जाती है माँ
जब परेशानी में घिर जाते हैं हम परदेस में
आँसुओं को पोंछने ख़्वाबों में आ जाती है माँ
लौट कर वापस सफ़र से जब घर आते हैं हम
डाल कर बाहें गले में सर को सहलाती है माँ
ऐसा लगता है कि जैसे आ गए फ़िरदौस में
भींचकर बाहों में जब सीने से लिपटाती है माँ
देर हो जाती है घर आने में अक्सर जब हमें
रेत पर मछली हो जैसे ऐसे घबराती है माँ
मरते दम बच्चा न आ पाए अगर परदेस से
अपनी दोनों आँखें चैखट पे रख जाती है माँ
बाद मर जाने के फिर बेटे की खि़दमत के लिए
भेस बेटी का बदल कर घर में आ जाती है माँ
“सर एक कप दूध मिलेगा क्या “6 माह के बच्चे की माँ ने
5 स्टार होटल मैनेजर से पूछा ।
मैनेजर “हा,100 रू.मे मिलेगा”
“ठीक है दे दो”महिला ने कहा जो पिकनिक के दोरान इस होटल
मे ठहरी ।
सुबह जब गाड़ी मे जा रहे थे तो बच्चे को फिर भूख लगी।
गाडी को टूटी झोपड़ी वाली पुरानी सी चाय की दुकान पर रोका
बच्चे को दूध पिला कर शांत किया।
दूध के पैसे पूछने पर बूढा दुकान मालिक बोला -“बेटी हम बच्चे
के दूध के पैसे नहीं लेते यदि रास्ते के लिए चाहिए तो लेती जाये।
“बच्चे की माँ के दिमाग मे एक सवाल बारबार घूम
रहा था कि अमीर कोन 5 स्टार होटल
वाला या टूटी झोपड़ी वाला ?
maa hi mandir
maa hi pooja
maa hi rab da
naam hai dooja
थका -हारा घर पहुंचा .
देखा कि उसका पांच वर्षीय बेटा सोने की बजाये
उसका इंतज़ार कर रहा है .
अन्दर घुसते ही बेटे ने पूछा —“ पापा , क्या मैं आपसे
एक question पूछ सकता हूँ ?”
आप एक घंटे में कितना कमा लेते हैं ?”
“ इससे तुम्हारा क्या लेना देना … पिता ने उत्तर
दिया .
बेटा – “ मैं बस यूँही जानना चाहता हूँ . Please
पिता ने उसकी तरफ देखते हुए कहा , “ 100
रुपये .”
“ पापा क्या आप मुझे 50 रूपये उधार दे सकते हैं ?”
इतना सुनते ही वह व्यक्ति आग बबूला हो उठा , “
तो तुम इसीलिए ये फ़ालतू का सवाल कर रहे थे….चुप –
चाप
अपने कमरे में जाओ और सो जाओ …
यह सुन बेटे की आँखों में आंसू आ गए …और वह अपने
कमरे में चला गया .
आध घंटा बीतने के बाद वह
थोडा शांत हुआ ,क्योंकि आज से पहले उसने कभी इस तरह
से
पैसे नहीं मांगे थे .
फिर वह उठ कर बेटे के कमरे में गया और बोला , “
क्या तुम सो रहे हो ?”,
“ मैं सोच रहा था कि शायद मैंने बेकार में ही तुम्हे डांट
दिया ,
“I am sorry….ये लो पचास रूपये .”
उसने अपने बेटे के हाथ में पचास की नोट
रख दी .
“Thank You पापा ” बेटा ख़ुशी से पैसे लेते हुए
कहा , और फिर वह
अपनी आलमारी की तरफ गया , वहां से उसने ढेर सारे
सिक्के निकाले और उन्हें गिनने लगा .
“ जब
तुम्हारे पास पहले से ही पैसे थे तो तुमने मुझसे और
पैसे क्यों मांगे ?”
“ क्योंकि मेरे पास पैसे कम थे ,
“ पापा अब मेरे पास 100 रूपये हैं . क्या मैं
आपका एक घंटा खरीद सकता हूँ ? Please आप ये
पैसे ले लोजिये और कल घर जल्दी आ जाइये , मैं
आपके साथ बैठकर खाना खाना चाहता हूँ .”
दोस्तों , इस तेज रफ़्तार जीवन में हम कई बार खुद
को इतना busy कर लेते हैं कि उन लोगो के लिए
ही समय नहीं निकाल पाते जो हमारे जीवन में सबसे
ज्यादा importance रखते हैं. इसलिए हमे अपने माँ-
बाप, जीवन साथी, बच्चों के लिए
समय निकालें, वरना एक दिन हमें भी अहसास
होगा कि हमने छोटी-मोटी चीजें पाने के लिए कुछ बहुत
बड़ा खो दें..
मूंदता हूँ आँखे और माँ नजर आती है….
When you are sleeping n your
mom comes and put blanket on
you
इतरा कर इत-उत डोल रहे
जग में सेठ बने फ़िरते
बोल बड़े तुम बोल रहेअरे बावरे, भूल गये तुम
नौ मास कहाँ पर थे,
अपनी तो तुम्हें सुध भी न थी
तुम किस से सहारे जी रहे थे.तुम अंगुली पकड़ के चलते थे,
तुम गोदी-गोदी झूमे थे
जो भी मुँह से माँग लिया
पल भर में हाज़िर कर देते थे.
तेरे खाने पर ही खाती वो,
तेरे सोने पर ही सोती वो,
जो तेरा तनिक जी घबराता
देवों के आगे रोती वो.
माँ के ऋण को क्या भर पायेगा
इस जग में कोई बेटा
सात जनम भी कम
सेवा को
आशीष मात की जिस सर है
वो आगे बढ़ता जायेगा
हे मात तुम्हें यूँ स्मरण कर
’गौतम’ आजीवन गाता जायेगा
’गौतम’ आजीवन गाता जायेगा_____________________
.
Mujh ko bistar ki toh adat nahi Apni godi main jhula de koi
.
Shayad aa Jaaye Maa mera rona sun kar Mujh ko be-wajah sahi par rula de koi
.
Maine kai roz se nahi khaya Mujhe kuch pyar se khila de koi
.
Mujh ko khawaish nahi milay duniya mujhe Bas mujhey meri Maa se mila de koi..
Maa se mila de koi..
शायद अब घर से कोई माँ के पैर छू कर नहीं निकलता।””
-Periods.
-Abuses.
-Abortion.
-Pregnancy.
-Harassment.
-Breast Cancer.
-Being moved on.
-Being Cheated on.Females Go Through A lot. :’)
Respect Them, Love Them With All Your Heart.._/\_
.
. .
. . .
बेटा बहु ऐसी लाना, जो फेसबुक का इस्तेमाल ना करती हो क्योंकि घर में और भी कुछ काम होते हैं।
Paigaam …. !!!1) Jis Din Hume Buddha
Dekho
Tab Sabar karna aur Hume
Samajne
ki Koshish karna…!2) Jab Hum Koi Baat Bhul Jaye
To Hum par Gussa na karna
Aur Apna
Bachpan Yaad karna…!!3) Jab Hum Buddhe ho kar
chal na
paye
Toh humara sahaara banna
Aur apna
Pehla kadam Yaad karna…. !!4) Jab Hum Bimar Ho jaaye
Toh Woh Din Yaad Krke hum
par
Paise Kharch Karna Jb Hum
Tumhari
Khwahishe Puri karne ke Liye
Apni
Khwahishe Qurban Karte the
Bhut rote h akele mein, jinhe latife yad rahte hai,
Khuda ne ye inayat sirf maa ko bakshi hai,
Vo pagal bhi hojaye, bachche yad rahte hai..
For cleaning up my room this week: $1.00
For going to the store for you: $.50
Baby-sitting my kid brother while you went shopping: $.25
Taking out the garbage: $1.00
For getting a good report card: $5.00
For cleaning up and raking the yard: $2.00
Total owed: $14.75Well, his mother looked at him standing there, and the boy could see the memories flashing through her mind. She picked up the pen, turned over the paper he’d written on, and this is what she wrote:For the nine months I carried you while you were growing inside me:
No Charge
For all the nights that I’ve sat up with you, doctored and prayed for you:
No Charge
For all the trying times, and all the tears that you’ve caused through the years:
No Charge
For all the nights that were filled with dread, and for the worries I knew were ahead:
No Charge
For the toys, food, clothes, and even wiping your nose:
No Charge
Son, when you add it up, the cost of my love is:
No Charge.When the boy finished reading what his mother had written, there were big tears in his eyes, and he looked straight at his mother and said, “Mom, I sure do love you.” And then he took the pen and in great big letters he wrote: “PAID IN FULL”.Lessons:You will never know your parents worth till you become a parentBe a giver not an acquirer, especially with your parents. there is a lot to give, besides money.BECAUSE MONEY IS THE WORST WAY OF MEASURING HAPPINESS…♥
Kya wo din the bachpan ke suhaane , . .Kyun lagte hain sab aaj sab begane…Ab zid bhi apni… Sapne bhi apne… Kis se kahein kya chahiye……??Manzilon ko dhoondte hue kahan kho gaye..?? . . . . .KYUN HAM ITNE BADE HO GAYE…??
देने पे आँखे दिखाते है
टूटे चश्मे से ही अख़बार पढने का लुत्फ़ उठाते है, Topaz के
ब्लेड से दाढ़ी बनाते है
पिताजी आज भी पैसे बचाते है ….कपड़े का पुराना थैला लिये दूर की मंडी तक जाते है,
बहुत मोल-भाव करके फल-सब्जी लाते है
आटा नही खरीदते, गेहूँ पिसवाते है..
पिताजी आज भी पैसे बचाते है…स्टेशन से घर पैदल ही आते है रिक्सा लेने से कतराते है
सेहत का हवाला देते जाते है बढती महंगाई पे
चिंता जताते है
पिताजी आज भी पैसे बचाते है ….पूरी गर्मी पंखे में बिताते है, सर्दियां आने पर रजाई में
दुबक जाते है
AC/Heater को सेहत का दुश्मन बताते है, लाइट
खुली छूटने पे नाराज हो जाते है
पिताजी आज भी पैसे बचाते हैमाँ के हाथ के खाने में रमते जाते है, बाहर खाने में
आनाकानी मचाते है
साफ़-सफाई का हवाला देते जाते है,मिर्च, मसाले और
तेल से घबराते है
पिताजी आज भी पैसे बचाते है…गुजरे कल के किस्से सुनाते है, कैसे ये सब जोड़ा गर्व से
बताते है पुराने दिनों की याद दिलाते है,बचत की अहमियत
समझाते है
हमारी हर मांग आज भी,फ़ौरन पूरी करते जाते है
पिताजी हमारे लिए ही पैसे बचाते है ..
न पहले जेसी घर में वो हेसियत रही ,अब तो घर के ही चोकीदार हो गये
न पास कोई बेठता न हाल पूछता ,देता न दवाई कोई जब से बीमार हो गये
पैसा था जो पास में बच्चो पे लगा दिया,करके उनकी शादिया कर्ज़दार हो गये
बुढ़ापे में भी चैन के दो पल नही मिले,बच्चे ये समझने लगे हम उन पे भार हो गये
न जाने कब कहाँ गिर पढ़े धढ़ाम से ,क्या बताये आपको गिरती दिवार हो गये उम्मीद थी सेवा करेंगे माँ बाप की ,पर बच्चो के बच्चो के हम सेवादार हो गये
हाल ऐसा कर क्यों तूने ऐ जिंदगी,सपने सारे जिंदगी के तार तार हो गये
जिस में खुशियों का खजाना था..
चाहत चाँद को पाने की थी,
पर दिल तितली का दिवाना था..
खबर ना थी कुछ सुबहा की,
ना शाम का ठिकाना था..
थक कर आना स्कूल से,
पर खेलने भी जाना था…
माँ की कहानी थी,
परीयों का फसाना था..
बारीश में कागज की नाव थी,
हर मौसम सुहाना था..
मुझे पाला, मेरे बच्चों को भी लोरी सुनाती है|
एक बार मां ने शादीशुदा बेटे से पूछा:
“तू मुझसे ज्यादा प्यार करता है या अपनी बीवी से?”
स्मार्ट हसबैंड जिसकी बीवी सामने ही बैठी हुई थी:
“मैं नहीं जानता मां….
तुम्हारे प्यार में मैं वाइफ को भूल जाता हूं…
और…
उसका प्यार और केयर से तुम्हारी याद आती है!
With Her Son,Son:
U are the Second
Most Beautiful Women,
I have ever known..!Mother:
Who’s the first ??
.
.
.
Son:
It’s also U,
But When U Smile.. 🙂
I am expected to be up and ready before everyone else in the family.
I can’t laze around in my pyjamas throughout the day.
I am expected to be presentable every time.
I can’t just go out anytime I want to.
I am expected to be sensitive to the needs of the family.
I just can’t hit the bed anytime I want to.
I am expected to be active and around the family.
I can’t expect to be treated like a princess but am supposed to take care of everyone else in the family.And then I think to myself, ‘why did I get married at all?’ I was happier with you, mom. Sometimes I think of coming back to you and getting pampered again.I want to come home to my favourite food cooked by you every evening after a nice outing with friends. I want to sleep on your laps like I have no worry in this world. But then I suddenly realize, had you not got married and made such sacrifices in your life, I wouldn’t have had so many wonderful memories to hang on to. And suddenly, the purpose of all this becomes clear- to return the same comfort, peace and happiness to my new family that I got from you.And I am sure that as time would pass, I would start loving this life equally as you do. Thank you mom for all the sacrifices and compromises you made. They give me the strength to do the same. Love you.It’s an excellent letter for all daughters
SAMJHO K USKE HAATH SE JANNAT CHALI GAI….
ले ली जाएं और कुछ
माँगनेँ को कहा जाएं तो
आप क्या माँगोगेँ
माँ ने बहूत खुबसूरत
जवाब दिया
कि मैँ अपनी औलाद का
नसीब अपने हाथो से लिखने का हक मांगुगी
क्योँकी उनकी खूशी के
आगे मेरे लिए हर जन्नत
छोटी है.
जब तुम याद करती हो
मुझे हिचकी आती है
पीठ पर लदा
जीत का सामान
हिल जाता है—–विजय पथ पर
चलने में
तकलीफ होती है—-माँ
मैं बहुत जल्दी आऊंगा
तब खिलाना
दूध भात
पहना देना गेंदे की माला
पर रोना नहीं
क्योंकि
तुम बहुत रोती होसुख में भी
दुःख में भी——-.
कभी मेरा माथा चूम के तो कभी प्यार से मेरे सर पर हाथ घुमा के
टोका वो करती थी मेरी हर एक बुरी आदत पर
समझाया वो करती थी उसके हर नुक्सान को
वो मेरी माँ है जो मेरी हर एक गलती पर भी मुझे माफ़ करती थी
उसकी हर एक ख़ुशी मेरी ख़ुशी से जुडी थी
उसकी हर एक गम कि शुरुआत मेरी तकलीफ से थी
मुझे तकलीफ जो मिले किसी एक बात से
सहम वो जाती थी अपने आँचल कि छाँव देकर
माँ होती ही है ऐसी जो अपने बच्चों के लिए जिया करती है
हर एक गम और ख़ुशी में अपने बच्चों कि ही सोचती है.
तेरी चुल्हे की रोटी सारे पकवानो पे भारी है..
khane me aaj phir namak jyada laga mujhko.
बेटा- मां, मैं पढ़ रहा हूं।
मां- बहुत अच्छा कर रहे हो बेटा। वैसे क्या पढ़ रहे हो?
बेटा- आपकी होने वाली बहू के मैसेज।
ऑपरेशन थियेटर के बाहर
तभी नर्स ने निकल कर पकड़ाया
और था, हाथो में, नन्हा सा नाजुक सा
होगा सिर्फ डेढ़ या दो बितता
था, अंडर वेट भी
पर था, पहली नजर में ही दिल का टुकड़ा
एक क्षण में समझ आ गया था
क्या होता है, बनना पापा …….
पहले आता था गुस्सा, अपने पापा पर
क्यों? करते हैं इतना इंतज़ार
इतनी ज्यादा बात बात पर देखभाल
पर क्षण भर मे , चल गया था पता
क्या होता है दर्द, पापा बनने का
हुक सी लगी थी
जब वो नर्स की हाथों में चिंहुका …अन्तर्मन से निकली थी आशीष
बेटा! है बस एक तमन्ना
तू मेरे नाम से नहीं
मैं तेरे नाम से जाना जाऊँ………
_______________________________________
आज मेरे बेटे “गौरव” का जन्म दिवस है ….
आप सबके शुभकामनाओं की जरुरत है ……….!!
बैठी हुई थी
पास ही एक कौवा बैठा हुआ था
माँ ने अपने बेटे से कहा “ये क्या है ”
बेटा बोला “ये कौवा है ”
माँ ने कुछ देर बाद फिर पूछा
“ये क्या है ”
बेटा बोला
“ये कौवा है ”
माँ ने फिर पूछा
“ये क्या है ”
बेटा गुस्से से बोला
“कितनी बार बताऊ ये कौवा है ”
माँ हंसी और बोली
“बेटा जब तू तीन साल का था ,तो यही जगह थी और
ऐसा ही कौवा यहाँ बैठा हुआ था और तुने ये 40 बार
पूछा था , और मैंने 40 मर्तबा तेरा माता चूम के ये
बताया था की ये कौवा है ”
.
” अपनी माँ से हमेशा प्यार करो अगर ये
हस्ती खो गई , तो दुबारा नहीं मिलेगी।”
मज़बूरी लगता है
उसे सिगरेट का धुंआ, जरुरी लगता है ||
फिजूल में रबड़ता , दोस्तों के साथ
इधर-उधर
बगल के कमरे में, माँ से मिलना ,
मीलों की दुरी लगता है ||
वो घंटों लगा रहता है, फेसबुक पे
अजनबियों से बतियाने में
अब माँ का हाल जानना, उसे
चोरी लगता है ||
खून की कमी से रोज मरती, बेबस
लाचार माँ
वो दोस्तों के लिए, शराब की बोतल,
पूरी रखता है ||
वो बड़ी कार में घूमता है , लोग उसे
रहीस कहते है
पर बड़े मकान में , माँ के लिए जगह
थोड़ी रखता है ||
माँ के चरण देखे , एक
अरसा बीता उसका …
अब उसे बीवी का दर,
श्रद्धा सबुरी लगता है ||
गंदे मटमैले धोती के टुकड़े से
गरम हंडिया पकड़
पसाती हैं भात
संतुलन में टेढ़ी हंडिया थामे
पकती उंगलियां
हड़बड़ी नहीं दिखातींपीती है धीमे धीमे
नथुनों से गर्म माड़ की खुश्बू
हंडिया नहीं छोड़ती
गरीब की लड़की
आखिरी बूंद के टपक जाने तकएकटक हंडिया पर नजरें जमाए
सटकर उकड़ू बैठे
छोटे भाई-बहनों को आंख दिखाती है
और भात मांगते छोटे भाई को
थप्पड़ जमाती गरीब की लड़की
डाल देती है उसकी थाली में
अपने हिस्से का एक करछुल भात
जानती है
कि आज भी उसे
माड़ से मिटानी होगी भूखम्युनिसिपैलिटी के नल से पानी भरते हुए
गरीब की लड़की
रोज नुक्कड़ से देखती है
स्कूल जाती लड़कियों को
उसे नहीं लुभाते
कड़क प्रेस की हुई स्कूल ड्रेस
या बार्बी वाले बैग
उसकी आंखें जमी हैं
बैग से झांकते लंच बॉक्स पर
ख्वाबों में देखती है
प्लास्टिक के हरे-नीले जादुई डिब्बे में
आलू के परांठे
वेजिटेबल सैंडविचगरीब की लड़की
नहीं जानती बराबरी का हक
नारी सशक्तीकरण
उसे नहीं चाहिए आसमान
वह चाहती है थोड़ी सी जमीन
वह प्यार नहीं करती
उसे करनी है शादी
जहां वह दबाएगी पैर
बिछ जाएगी आदमी की देह तले
और खा पाएगी
पेट भर भात
शायद
.
कोई मेहरबानी नहीं तेरी ये मुझे मेरी माँ कि दुआओं का असर लगता हैं ॥
Beta – kuch nhi bus aise hi.
Maa – nhi kuch bat to hai beta.
Beta – kha na bus u hi dil bhar aya.
kuch der bad maa ne table p padi
bete
ki
medical report ko
padha is p likha tha bete ko cancer
hai
vo
kuch
hi dina ka mehman hai.
thodi der bad usi table pe bete ne
ek…
leter dekha uski maa ne likha tha –
beta
mai tumhe marta nhi dekh sakti mai
hamesha ke liye teri salamti ki bikh
maangne ke liye
bhagwan ke pas ja rhi hu
bagwan tumhe khush rakhe.
tumhari maa.
पता लगा की
कोख में बेटी हैं तो वो उसका गर्भपात
करवाना चाहते
हैं दुःखी होकर पत्नी अपने पति से
क्या कहती हैं :- सुनो, ना मारो इस नन्ही कलि को,
वो खूब सारा प्यार हम पर लुटायेगी,
जितने भी टूटे हैं सपने, फिर से वो सब
सजाएगी..
सुनो, ना मारो इस नन्ही कलि को,
जब जब घर आओगे तुम्हे खूब हंसाएगी, तुम प्यार ना करना बेशक उसको,
वो अपना प्यार लुटाएगी..
सुंनो, ना मारो इस नन्ही कलि को,
हर काम की चिंता एक पल में भगाएगी,
किस्मत को दोष ना दो, वो अपना घर
आंगन महकाएगी.. ये सब सुन पति अपनी पत्नी को कहता हैं :-
सुनो में भी नही चाहता मारना इस
नन्ही कलि को,
तुम क्या जानो, प्यार नहीं हैं
क्या मुझको अपनी परी से,
पर डरता हूँ समाज में हो रही रोज रोज की दरिंदगी से..
क्या फिर खुद वो इन सबसे अपनी लाज
बचा पाएगी,
क्यूँ ना मारू में इस कलि को, वो बहार
नोची जाएगी..
में प्यार इसे खूब दूंगा, पर बहार किस किस से बचाऊंगा,
जब उठेगी हर तरफ से नजरें, तो रोक खुद
को ना पाउँगा..
क्या तू अपनी नन्ही परी को, इस दौर में
लाना चाहोगी,
जब तड़फेगी वो नजरो के आगे, क्या वो सब सह पाओगी,
क्यों ना मारू में अपनी नन्ही परी को,
क्या बीती होगी उनपे, जिन्हें मिला हैं
ऐसा नजराना,
क्या तू भी अपनी परी को ऐसी मौत
दिलाना चाहोगी.. ये सुनकर गर्भ से आवाज आती हैं
सुनो माँ पापा
में आपकी बेटी मेरी भी सुनो :-
पापा सुनो ना, साथ देना आप मेरा,
मजबूत बनाना मेरे हौसले को,
घर लक्ष्मी हैं आपकी बेटी, वक्त पड़ने पे में काली भी बन जाउंगी,
पापा सुनो,
ना मारो अपनी नन्ही कलि को,
उड़ान देना मेरे हर वजूद को,
में भी कल्पना चावला की तरह, ऊँची उड़ान
भर जाउंगी.. पापा सुनो,
ना मारो अपनी नन्ही कलि को,
आप बन जाना मेरी छत्र छाया,
में झाँसी की रानी की तरह खुद की गैरो से
लाज बचाउंगी..
पति (पिता) ये सुन कर मौन हो गया और उसने अपने फैसले पे
शर्मिंदगी महसूस करने लगा और कहता हैं
अपनी बेटी से :-
में अब कैसे तुझसे नजरे मिलाऊंगा,
चल पड़ा था तुम्हारा गला दबाने,
अब कैसे खुद को तुम्हारे सामने लाऊंगा, मुझे माफ़ करना ऐ मेरी बेटी,
तुझे इस दुनियां में सम्मान से लाऊंगा..
वहशी हैं ये दुनिया तो क्या हुआ,
तुझे बहादुर बिटियाँ बनाऊंगा..
मेरी इस गलती की मुझे हैं शर्म,
घर घर जाके सबका भ्रम मिटाऊंगा बेटियां बोझ नहीं होती..
अब सारे समाज में अलख
जगाऊंगा
AashuN apne girakar hasaye humko
dard kabhi na dena uss khuda ki tasveer ko
zamana kahta hai “MAA-BAAP” unko….
the..!1 hanss raha tha aur dusra udass
betha tha…
.
DAD: itna hanss kyu rahe ho..?
.
.
1ST SON:: itni thand me mummy ne
dono bar isiko nehla dia.
थपकी देकर कभी सुलाती
कभी प्यार से मुझे चूमती
कभी डाँटकर पास बुलाती
कभी आँख के आँसू मेरे
आँचल से पोंछा करती वो
सपनों के झूलों में अक्सर
धीरे-धीरे मुझे झुलाती
सब दुनिया से रूठ रपटकर
जब मैं बेमन से सो जाता
हौले से वो चादर खींचे
अपने सीने मुझे लगाती..
.
मम्मी -: तू जरूर किसी चुड़ैल के चक्कर में होगा …
और यह सब तुझे उसी डायन ने कहा होगा।
लड़कियां तो बस लड़कों को फंसाने में ही लगी रहती हैं।
जहां अच्छा लड़का देखा शुरू हो गईं…
बेटा तू इनसे बच के रहना।ये बहुत मक्कार और कमीनी होती हैं।
और इनका तो खानदान भी…….
.
.
.
लड़का -: बस मम्मी … ऐसा कुछ नहीं है..।
वो तो डैडी बता रहे थे कि आप दोनों की लव मैरिज हुई थी
1 choti c bachi apne papa k sath ja rhi thi. 1 pul par pani bahut tezi se bah rha tha.Papa-beti daro mat,mera hath pakad lo.
…
Beti-nhi papa ap mera hath pakd lo.Papa(muskurate hue)-dono me kya anter h beta….Beti-agr me apka hath pakdu,or achnak kuch ho jaye,to shayad,me apka hath chod du, LEKIN agar ap mera hath pakdenge,to me janti hu ki chahe kuch b ho jaye,AP MERA HATH KABI NHI CHODENGE.
माँ जीवन के फूलों में खुशबू का वास है,
माँ रोते हुए बच्चे का खुशनुमा पलना है,
माँ मरूथल में नदी या मीठा सा झरना है,
माँ लोरी है, गीत है, प्यारी सी थाप है,
माँ पूजा की थाली है, मंत्रों का जाप है,
माँ आँखों का सिसकता हुआ किनारा है,
माँ गालों पर पप्पी है, ममता की धारा है,
माँ झुलसते दिलों में कोयल की बोली है,
माँ मेहँदी है, कुमकुम है, सिंदूर है, रोली है,
माँ कलम है, दवात है, स्याही है,
माँ परमात्मा की स्वयं एक गवाही है,
माँ त्याग है, तपस्या है, सेवा है,
माँ फूँक से ठँडा किया हुआ कलेवा है,
माँ अनुष्ठान है, साधना है, जीवन का हवन है,
माँ जिंदगी के मोहल्ले में आत्मा का भवन है,
माँ चूडी वाले हाथों के मजबूत कं धों का नाम है,
माँ काशी है, काबा है और चारों धाम है,
माँ चिंता है, याद है, हिचकी है,
माँ बच्चे की चोट पर सिसकी है,
माँ चुल्हा-धुँआ-रोटी और हाथों का छाला है,
माँ ज़िंदगी की कड़वाहट में अमृत का प्याला है,
माँ पृथ्वी है, जगत है, धूरी है,
माँ बिना इस सृष्टि की कल्पना अधूरी है,
तो माँ की ये कथा अनादि है,
ये अध्याय नही है…
…और माँ का जीवन में कोई पर्याय नहीं है,
तो माँ का महत्व दुनिया में कम हो नहीं सकता,
और माँ जैसा दुनिया में कुछ हो नहीं सकता,
और माँ जैसा दुनिया में कुछ हो नहीं सकता,
तो मैं कला की ये पंक्तियाँ माँ के नाम करता हूँ,
और दुनिया की सभी माताओं को प्रणाम करता हूँ।
बस साँस चलती है धड़कन वैसी की वैसी है..
कभी सोचती हूँ मैं तेरे बारे में कि तू कैसी है??
और
ये फिज़ा दे देती है जवाब कि माँ तू अभी भी वैसी की वैसी है..
अस्पताल
पहुँचा..
डॉक्टर ने देखा और “ही इज नो मोर”
कहकर फीस के लिये हाथ आगे बढाया….
पुत्र को अचानक याद आया कि
जिस ऑटो मे वो अपने पिता को लेकर
आया हैउसका भी तो किराया देना है…
उसने पीछे मुडकर देखा तो
शायद इंसानियत जिंदा थी …………..
.
.
.
.
ऑटो वाला बिना पैसे लिये जा चुका था
kio apna nehi bus tere siwa maa………..
Ham pani me Kyun rehte hein jamin pe kyun nahi?
.
.
Maa ne kaha ham Fish hain
isliye pani me rahte hain
Zamin par to sab SelFish rehte hain.
…हथौड़ा थमा दियेमासूम की एक छोटी गलती….
….और थप्पड़ जमा दिये
खिलौनो से खेलने वाला बचपना…
…खिलौना बनाने लगा
….बस्ता ढ़ोने की उम्र मेँ चार पैसे भी कमाने लगामिल ना सकी ‘छोटूवा’को पेन्सिल-प्लेट…
…बाप की दूकान पे माँजता कप-प्लेटचार पैसे हाथ मेँ
लाखो का बचपना लूट गया….
जवानी क्या ख़ाक सुधरेगी
जब पौधा बचपन मेँ टूट गया।
दो परंपराओं का संगम है बेटी !
विश्व के उत्थान का आधार है बेटी ,
प्रेम,दया और ममता का सार है बेटी !!
हर गुणों से भरी हुयी है ,
फिर भी सहमी और डरी हुयी है !
न जानें कब से मौत,
मुहं खोले खड़ी हुयी है !!
गर्भपात कराने वाली माताओं,
क्या मुझे जीने का अधिकार नहीं है !
तुम भी तो हो एक बेटी ,
क्या बेटी को ही बेटी स्वीकार नहीं है !!
समाज के जालिम और निर्लज्ज लुटेरे,
मत डाल अपनी बुरी नजर के डोरे !
रोक दे शोषण के हर फेरे,
ताकि छंट जाए जुल्म के अँधेरे !
दहेज तो दानव है दुनिया का दिल दहला देगा,
कितनों को फांसी या सूली पर चढवा देगा !!
हे, नौजवान अपनी भुजाओं पर कर गुमान,
लड़कियों का रक्षक बनने का हम देते हैँ ये पैगाम !!
फिर क्यों खाता है तू , बे जुबान जीवों की बोटियाँ …….!!
हम घर से दवा नहीं माँ की दुआ लेकर निकलते हैं..
नहीं एक सम्बोधन ,
माँ………
एक अनोखा रिश्ता ।प्यार सा ,
दुलार सा ,
सूरज के ,
उजियारे सा ।माँ………..
है वो ,
जिसमे सिमटता ,
सारा संसार ।माँ……….
सृष्टि का मध्य बिंदु ,
जिसके आगे न कोई ,
किन्तु-परन्तु ।माँ……..
ममता की मूर्त ,
माँ बिन……
न रब की सूरत ।मैं अधूरा ,
तू अधूरा ,
सार जग अधूरा ,
बिन माँ र ब भी न पूरा ।तन सीचें ,
मन सीचें ,
र ब भी ,
माँ से नीचे ।मैं क्या ?
तू क्या ?
पशु क्या ?
पक्षी क्या ?
देव क्या ?
दानव क्या ?
र ब भी ! इसके आगे झुकता ।र ब में माँ ,
सब में माँ ,
इसके बिन ,
जग हीन ।मैं नहीं ,
तू नहीं ,
माँ बिन ,
र ब नही ।” मैं वीतरागी ”
र ब को जानूँ ,
सब को जानूँ ,
पद माँ का सबसे उच्च मानूँ……
माँ को अपना सब कुछ मानो
समझाने की है बात यही
मेरा कोरा उपदेश नहीं.
save world
लडका हो तो बधाई हो
लडकी हो तो दुखदाई हो
लडका बिगडे तो बचपन है
लडकी बिगडे तो बदचलन है
लडके का लव अफेयर रहने दो
लडके पे आयी जवानी है
लडकी का लव अफेयर
शादी कर दो इसकी
आगे दर्द भरी जिंदगानी है
लडके की शादी
खुशियां आयेंगी रोज
लडकी की शादी
चलो कम हुआ बोझ
यही बेचारी लडकी की कहानी है
कुछ तो मार दी जाती है
पैदा होने से पहले
बाकियो की ये कहानी है
हम सब ने ये ठानी है
हर लडकी बचानी है
जो ना मिला हर लडकी को आज तक
वो आजादी दिलानी है !!!!.
.
.
Kapil: No, maa.
.
.
.
.
Mere toothpaste me namak hai.
Duniya Wale kahenge bete ne Jale pe namak chidak
diya..
.
Bahut Gusse Me Hoti Hai To Bhi Pyar Deti
Hai.
.
Hotho Pe Uske Hmesha Dua HotiAisi Sirf Aur Sirf ♥“Maa”♥ Hoti Hai..
प्रेम की कितनी सरल सी तो परिभाषा है
.
‘स्त्री’
.
कभी माँ के रूप मे कभी बहन तो कभी अर्धाँगिनी तो कभी बेटी के रूप मे
बेटियों की हत्या करते हैं उनके
लिए यह बात है. हमेशा याद
रखना : अगर बेटा वारिस है,
तो बेटी पारस है |
अगर बेटा वंश है, तो बेटी अंश है |
अगर बेटा आन है, तो बेटी शान है |
अगर बेटा तन है, तो बेटी मन है |
अगर बेटा मान है, तो बेटी गुमान है
|
अगर बेटा संस्कार,
तो बेटी संस्कृति है |
अगर बेटा आग है, तो बेटी बाग़ है |
अगर बेटा दवा है, तो बेटी दुआ है |
अगर बेटा भाग्य है,
तो बेटी विधाता है |
अगर बेटा शब्द है, तो बेटी अर्थ है |
अगर बेटा गीत है, तो बेटी संगीत है
|ple save girls.
याद है तेरे आँगन में
चिड़िया सी फुदक रही थी..
ठोकर खा के मै जमीन पर गिर
रही थी
दो बूँद खून की देख के माँ तू
भी रो पड़ती थी माँ तूने तो मुझे फूलों की तरह
पाला था
उन दरिंदों का आखिर मैंने
क्या बिगाड़ा था क्यूँ वो मुझे इस तरह
मसल कर चले गए
बेदर्द मेरी रूह को कुचल कर चले गए ..
माँ तू तो कहती थी की अपनी गुडिया को मै
दुल्हन बनाएगी
मेरे इस जीवन को खुशियों से
सजाएगी।।
माँ क्या वो दिन
जिन्दगी कभी ना लाएगी .. माँ क्या तेरे घर अब
बारात न
आएगी …?
माँ खोया है जो मैंने क्या फिर से
कभी न पाऊँगी…?
माँ सांस तो ले रही हूँ
क्या जिन्दगी जी पाऊँगी …?माँ घूरते हैं सब
अलग ही नज़रों से ..
माँ मुझे उन नज़रों से छुपा ले
माँ बहुत डर लगता है मुझे आँचल में
छुपाले …..
जब कोई साया नहीं मिलता तो याद आती है “माँ” !
जब उसका मुकाबला इंसान से हो जाता है…..!!
दिल कहता है घर में ही माँ के पास ही रह जाऊ.
थपकियाँ दे-देकर के मुझे सपने में सुलाती हो
नींद से जागूं सुबह जब नज़र नहीं आती हो
इधर-उधर खोजूँ तुम तस्वीर में मुस्कुराती हो
मेरे अंदर कोई बच्चा……..बिलख कर रोने लगता है.
जो जन्मा नही
उसकी हत्या करो
दोनो ही पाप हैं।” यह बात उस स्त्री को समझ आ गई । वह स्वयं की सोच पर लज्जित हुई और पश्चाताप करते हुए घर चली गई ।क्या आपको समझ मेँ आयी?अगर आई हो तो Share करके दुसरे लोगो को भी समझाने मे मदद कीजिये….बडी कृपा होगी ।हो सकता है आपका एक Share किसी की सोच बदल दे.
Ye soch ke ki
Pta nhi kaun si ungali pakad kr meri maa ne mujhe chalna shikhaya hoga….
—————————-
मां मुझे घर आना है…
मां मुझे घर आना है…
कभी भागते हुए रोटी खा लेते थे
अब तो भूखे रहने का जमाना है
रोटी के वास्ते आ गए हम इतनी दूर
अब वापस लौट जाना है
मां मुझे घर आना है…ये भी कोई दुनिया है
यहाँ सब लगता बेगाना है
सब जीतें हैं ख़ुद के लिए
क्या यही जिंदगी का फसाना है
मां मुझे घर आना है…क्या करना इतने पैसे का
बस दो रोटी तो कमाना है
कितनी ख़ुशीयाँ थीं उस चवन्नी में
क्या सिर्फ पैसों में नहाना है
मां मुझे घर आना है…चाहिए बस दो पल का स़ुक़ुन
ये आराम तो एक बहाना है
खुली हवा मीले वो भी नहींनसीब
ये घर है या तहखाना है
मां मुझे घर आना है…जिंदा हैं बस झूठी शान के खातिर
मर के बस खाक हो जाना है
तलाश रहे हैं अपने को ही
कभी तो ख़ुद को मिल जाना है
मां मुझे घर आना है…
लोग कहते हैं मैं पागल हूँ
मैं कहता हूँ दीवाना है
मां मुझे घर आना है…
मां मुझे घर आना है…
—————————-
Jab Beta Gir Jaata Tha..MAA Tab Bhi Roti Thi,Jab Beta Bukhaar YaSardi me Tadapta Tha.
.MAA Tab Bhi Roti Thi,Jab Beta Khaana nahiKhaata Tha,,,,,,.Aur,.
” MAA Aaj Bhi Roti He
Jab Beta Khana nahi
Deta,,,,,,,!!! ”
koi MAA kabhi bhuki Na
Soye. Aur Uske Aankh Se
1 bund Paani Na Aaye,,,,,
I LOVE MY MOM.
WoH bhi kya din the
” Maa” Ki Godh Aur
” PAPA ” Ke Kandhe,,,,,,,,
Na Paise Ki Soch
Na Life Ke Funde,,,,,,
Na KaL Ki Chinta
Na Future Ke Sapne,,,,,,
Ab KaL Ki He Fikar Aur
Adhure He Sapne,,,,,,
MudH Kar Dekha Toh Bahut
Door He Apne,,,,,,,
Manzilo ko dhundte kaha
kho Gaye Hum,
Aakhir, Itne bade kyu Ho
Gaye Hum,,,,,,,,,!!
आइसक्रीम बेचने जाया करता था , उस
कालोनी में सारे पैसे वाले लोग रहा करते थे .लेकिन वह एक परिवार
ऐसा भी था जो आर्थिक तंगी से गुजर
रहा था. उनका एक चार साल
का बेटा था जो हर दिन खिड़की से उस
आइसक्रीम वाले को ललचाई नजरो से
देखा करता था. आइसक्रीम वाला भी उसे
पहचानने लगा था . लेकिन
कभी वो लड़का घर से बाहर
नहीं आया आइसक्रीम खाने .
एक दिन उस आइसक्रीम वाले का मन
नहीं माना तो वो खिड़की के पास जाकर उस
बच्चे से बोला ,
” बेटा क्या आपको आइसक्रीम
अच्छी नहीं लगती. आप कभी मेरी आइसक्रीम
नहीं खरीदते ? ”
उस चार साल के बच्चे ने बड़ी मासूमियत के
साथ कहा ,
” मुझे आइसक्रीम बहुत पसंद हे . पर माँ के
पास पैसे नहीं हे ”
उस आइसक्रीम वाले को यह सूनकर उस बच्चे
पर बड़ा प्यार आया . उसने कहा ,
” बेटा तुम मुझसे रोज आइसक्रीम ले
लिया करो. मुझसे तुमसे पैसे नहीं चाहिए ”
वो बच्चा बहुत समझदार निकला . बहुत सहज
भाव से बोला ,
” नहीं ले सकता , माँ ने कहा हे किसी से मुफ्त
में कुछ लेना गन्दी बात होती हे , इसलिए में
कुछ दिए बिना आइसक्रीम नहीं ले सकता ”
वो आइसक्रीम वाला बच्चे के मुह से
इतनी गहरी बात सूनकर आश्चर्यचकित रह
गया . फिर उसने कहा ,
” तुम मुझे आइसक्रीम के बदले में रोज एक
पप्पी दे दिया करो . इस तरह मुझे
आइसक्रीम की कीमत मिल जाया करेगी ”
बच्चा ये सुकर बहुत खुश हुआ वो दौड़कर घर से
बाहर आया . आइसक्रीम वाले ने उसे एक
आइसक्रीम दी और बदले में उस बच्चे ने उस
आइसक्रीम वाले के गालो पर एक
पप्पी दी और खुश होकर घर के अन्दर भाग
गया .
अब तो रोज का यही सिलसिला हो गया.
वो आइसक्रीम वाला रोज आता और एक
पप्पी के बदले उस बच्चे को आइसक्रीम दे
जाता .
करीब एक महीने तक यही चलता रहा .
लेकिन उसके बाद उस बच्चे ने अचानक से
आना बंद कर दिया . अब वो खिड़की पर
भी नजर नहीं आता था .
जब कुछ दिन हो गए तो आइसक्रीम वाले
का मन नहीं मन और वो उस घर पर पहुच
गया . दरवाजा उस बालक की माँ ने खोला .
आइसक्रीम वाले ने उत्सुकता से उस बच्चे के
बारे में पूछा तो उसकी माँ ने कहा ,
” देखिये भाई साहब हम गरीब लोग हे .
हमारे पास इतना पैसा नहीं के अपने बच्चे
को रोज आइसक्रीम खिला सके . आप उसे रोज
मुफ्त में आइसक्रीम खिलाते रहे. जिस दिन मुझे
ये बात पता चली तो मुझे बहुत
शर्मिंदगी हुई .आप एक अच्छे इंसान हे लेकिन
में अपने बेटे को मुफ्त में आइसक्रीम खाने
नहीं दे सकती . ”
बच्चे की माँ की बाते सूनकर उस आइसक्रीम
वाले ने जो उत्तर दिया वो आप सब के लिए
सोचने का कारण बन सकता हे ,
” बहनजी , कौन कहता हे की में उसे मुफ्त में
आइसक्रीम खिलाता था . में इतना दयालु
या उपकार करने वाला नहीं हु में व्यापार
करता हु . और आपके बेटे से जो मुझे
मिला वो उस आइसक्रीम की कीमत से
कही अधिक मूल्यवान था . और कम मूल्य
की वास्तु का अधिक मूल्य वसूल
करना ही व्यापार हे ,
एक बच्चे का निश्छल प्रेम पा लेना सोने
चांदी के सिक्के पा लेने से कही अधिक
मूल्यवान हे . आपने अपने बेटे को बहुत अच्छे
संस्कार दिए हे लेकिन में आपसे पूछता हु
क्या प्रेम का कोई मूल्य नहीं होता ?”
उस आइसक्रीम वाले के अर्थपूर्ण शब्द
सूनकर
बालक की माँ की आँखे भीग गयी उन्होंने
बालक को पुकारा तो वो दौड़कर आ गया .
माँ का इशारा पाते ही बालक दौड़कर
आइसक्रीम वाले से लिपट गया . आइसक्रीम
वाले ने बालक को गोद में उठा लिया और
बाहर जाते हुए कहने लगा ,
” तुम्हारे लिए आज चोकलेट आइसक्रीम
लाया हु . तुझे बहुत पसंद हे न ?”
बच्चा उत्साह से बोला ,
” हां बहुत ”
बालक की माँ ख़ुशी से रो पड़ती ह
रहना सदा सेवा में ‘माँ’ के, क्योंकि प्रभु का दर्शन हैं ‘माँ’ !!”
Mohabbat Hai Kahan..!Muskura Deta Hoon Main Aur
Yaad Aa Jati Hai MAA..!
.
.
Aur Kaha Ki Maa
Yah Daulat ka Til Hai..?
.
.
Maa Ne Apne Dono Hathon Main Mere
Chehra Thama Aur Kaha..
“Haan Beta Dekho Mere Dono Hathon Main
Kitni Daulat Hai..!!
.
Jab subeh utha to mera sir MAA K KADMO me tha !!Maa tujhe Salaam …
Sweet Ans. by Child in School
.
.
.
.
Teacher: What is your mother’s
name?
.
.
.
.
Kid: Kabhi naam nahi puchha,
.
.
Bas..
pyar se MAA kehta hu.
“लकड़ी का कटोरा”
एक वृद्ध व्यक्ति अपने बहु – बेटे के यहाँ शहर में रहने गया . उम्र के इस पड़ाव पर वह अत्यंत कमजोर हो चुका था , उसके हाथ कांपते थे और
दिखाई भी कम देता था . वो एक छोटे से घर में रहते थे , पूरा परिवार और उसका चार वर्षीया पोता एक साथ डिनर टेबल पर खाना खाते थे . लेकिन वृद्ध होने के कारण उस व्यक्ति को खाने में बड़ी दिक्कत होती थी .
कभी मटर के दाने उसकी चम्मच से निकल कर फर्श पे बिखर जाते तो कभी हाँथ से दूध छलक कर मेजपोश पर गिर जाता . बहु -बेटे एक -दो दिन ये सब सहन करते रहे पर अब उन्हें अपने पिता की इस काम से चिढ होने लगी . “ हमें
इनका कुछ करना पड़ेगा ”, लड़के ने कहा . बहु ने भी हाँ में हाँ मिलाई और बोली ,” आखिर कब तक हम इनकी वजह से अपने खाने का मजा किरकिरा करेंगे , और हम इस तरह चीजों का नुक्सान होते हुए भी नहीं देख सकते .”
अगले दिन जब खाने का वक़्त हुआ तो बेटे ने एक पुरानी मेज को कमरे के कोने में लगा दिया , अब बूढ़े पिता को वहीँ अकेले बैठ कर अपना भोजन करना था . यहाँ तक की उनके खाने के बर्तनों की जगह एक लकड़ी का कटोरा दे दिया गया था , ताकि अब और बर्तन ना टूट -फूट सकें . बाकी लोग पहले की तरह ही आराम से बैठ कर खाते और जब कभी -कभार उस बुजुर्ग की तरफ देखते तो उनकी आँखों में आंसू दिखाई देते . यह देखकर भी बहु-बेटे का मन नहीं पिघलता , वो उनकी छोटी से छोटी गलती पर ढेरों बातें सुना देते . वहां बैठा बालक भी यह सब बड़े ध्यान से देखता रहता , और अपने में मस्त रहता .
एक रात खाने से पहले , उस छोटे बालक को उसके माता -पिता ने ज़मीन
पर बैठ कर कुछ करते हुए देखा , ”तुम क्या बना रहे हो ?” पिता ने पूछा ,
बच्चे ने मासूमियत के साथ उत्तर दिया , “ अरे मैं तो आप लोगों के लिए
एक लकड़ी का कटोरा बना रहा हूँ , ताकि जब मैं बड़ा हो जाऊं तो आप लोग इसमें खा सकें .” ,और वह पुनः अपने काम में लग गया .
पर इस बात का उसके माता -पिता पर बहुत गहरा असर हुआ ,उनके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकला और आँखों से आंसू बहने लगे . वो दोनों बिना बोले ही समझ चुके थे कि अब उन्हें क्या करना है . उस रात वो अपने बूढ़े पिता को वापस डिनर टेबल पर ले आये , और फिर कभी उनके साथ अभद्र व्यवहार नहीं
किया .
जब रसोई में काम करते हुए माँ की चूड़ी खनकती है
हर बार मुझे वो आवाज, मंदिर की घंटी सी लगती है.
चंदा है तू मेरा सूरज है तू ,,,मेरी इन आँखों का तारा है तू
जीती हूँ मैं बस तुझे देखकर ,,,इस दिल का एक सहारा है तू ,,,,,,, 🙂
एक बचपन का जमाना था,
जिस में खुशियों का खजाना था..
चाहत चाँद को पाने की थी,
पर दिल तितली का दिवाना था..
खबर ना थी कुछ सुबहा की,
ना शाम का ठिकाना था..
थक कर आना स्कूल से,
पर खेलने भी जाना था…
माँ की कहानी थी,
परीयों का फसाना था..
बारीश में कागज की नाव थी,
हर मौसम सुहाना था..
किस पर रोष करू..
मैं किस पर दोष धरू…
इंसान की तबाही पर या भगवान की खामोशी पर…..
किस पर अफ़सोस करू…
इंसान कुदरत से बहुत खेला है…
अपनी मर्यादा को तोड़ा है…
सज़ा तो मिलनी ही थी…
तबाही भी होनी ही थी …
बदमिज़ाज़ी हैं हम नासमझ है=…..
शिवा तू तो सब समझता है…
पाप क साथ प्रलय मैं पुण्या भी मरता है…
ओर भी तो रास्ते थे सबक सीखाने के…
इंसान को उसकी हद बताने के….
बेशक सज़ा देता हमें पूरी..
क्या मौत का तांडव ही करना था ज़रूरी???…
उफनती नदियाँ,टूटते पहाड़,बरसते बादल ओर तडफ-ता इंसान…
तेरे धाम की तो सूरत ही बदल गयी….
दो पल मैं जय-जयकार चीख,पुकार,हाहाकर मैं बदल गयी…
दुखों का महासागर जीवन मैं उतरगया…
श्रधा ओर विश्वास टूट कर बिखर गया…
अब कहाँ सिर झुका-उँ ..दुआ के लिए कहाँ हाथ उठा-उँ….
अपनो का अपनो से हाथ छूट गया…
तू साथ है सदा ये वहाँ टूट गया…
गंगा तू कैसी माया….
शिवा तू कैसा परम पिता..
खुद का घर है अब तक टीका…
तेरे भक्तो का घर तुझे ना दिखा ???
चलता फिरता इंसान काँधे अर्थी हो गया…
इंसान की तरह शिवा तू भी स्वार्थी हो गया……
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~इंदु~
Liitle Boy to his mom: Mumma mai kaise
paida
hua ??
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Mom: Maine 1 bartan me mitti dal kar
rakh di, kuch din baad usme se tum
muje mile.
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Bache ne aisa hi kiya.
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Ab kuch din baad usne jakar dekha to
usme 1 mendak tha.
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Bacha:{gusse se} dil to krta h k,
tujhe goli mar du, par kya kru?
Aulaad hai tu meri!.
Nothing can replace Mother’s Love
चलती स्कूल बस के पीछे…. टिफिन ले कर दौड़ती माँ….. इबादत इससे बड़ी… भला और क्या हो…..
तुझे सूरज कहूं या चंदा
तुझे दीप कहूं या तारा
मेरा नाम करेगा रौशन
जग में मेरा राज दुलारा…
Hai
Tanha Safar Me Hr Rah Sunsaan
Hoti Hai
Zindagi Me Maa Ka Hona Zarori
Hai
Maa Ki Duaon Se Hi Har Mushkil
Aasaan Hoti
Hai …….!!! .
कहीं से मां की याद दिल को छूने चली आई हैं…!!
nhi
..
sach no. 2 – …gareeb ka koi dost
nahi
.
sach no. 3 –log achi seerat ko nahi
achi surat ko tarjeeh dete hsach no 4–….izzat sirf paise ki h
insaan ki nahisach no 5 –…insaan jis shakhs k liye dil
se mukhlis ho wohi shakhs dukh dard
deta hai…..
Maa ke bagair ghar nahi lagta hai ghar mujhe.
सिर्फ एक कागज पे लिखा लफ्ज़ “माँ” रहने दिया…
चार बेटों के होतें भी माँ को भूखी बिलखतें देखा हैं|मंजर बयां क्या करूँ अब की कलम अश्कजदा हैं,
माँ को खाने के लिए बेटों को झूठन देतें देखा हैं|
आशीषो से झोलियाँ भर देती हैं माँ ऐसी हैं,
उन आशीषों का फिर क्यों खौफनाक सिला देखा हैं|एक माई तनहा बीमार संग मेरे सफ़र में मिली,
उस माई को मैंने रोतें बड़े करीब से देखा हैं|सोचता हूँ तो दिल कांप जाता हैं एहसास भर से ही,
कैसी संताने हैं माँ जिन्दा हैं उसे हौलें से मरते देखा हैं|
बस और न लिख पाऊंगा दास्तान मैं इस दर्द के आलम की,
मैंने ये अलफ़ाज़ भर लिखने में कागज़ को भीगते देखा हैं|
धुंधला उठी हैं तस्वीर चारों जहाँ की क्यों? आँखें भीगी हैं,
कभी नहीं रोया जो नीलम आज उसे मैंने रोते देखा हैं|
जब ईश्वर भी गायब, बिटिया भी गायब, जब मूल भाव ही गायब, तो घर में गजब ही होना है |सिद्धांतविहीन व्यक्ति बिन नाड़े के पैजामे जैसा है, जो कहीं भी ,कभी भी सरक सकता है ।
maine sari photo aur msg padh liya……mujhe bahat acha laga…i love my mom
Nice blog
real feelings. ….
…. wordless….
I Like this
Great
very good & nice
‘ माँ ‘ इस सवेंदना का विस्तार यहीं .जो भी तूने लिखा सब अक्षरस सही
समझ सको तो समझो ,मेरे भाव सँवारे उतने शब्दों में जादू नहीं ……
आपको और आपकी माँ को सादर शत – शत नमन क्योकि भावना से ही भगवान हैं भावना नहीं तो भगवान भी नहीं।
mujhe aaj tak itna motivate kisi ne nahi kiya..
aapka bahut bahut dhanywad. i love my mom
बहुत अच्छा लगा पढ़ कर
बहुत प्यारा था और मस्ती भरी
थॅंक्स neelam ji
आप ही के तरह मैं भी अपने माँ को बहुत प्यार करता हूँ।
I LOVE U MOM
I don’t make any comment on your great feelings.
Just say “PRANAM”
And request to God
“KI AISHI BHAWNA SABHI KO DE AUR MAA KO SAMMAAN (RESPECT) SABSE JYADA MILE”.
THANKS
Hearts touching .. lines.
i love maa
very very nice
आपके पेज को देखकर माँ की याद आ गई और आँखे भर आई धन्यवाद
MAI V APNE MUMMY OR PAPA SE DIL SE PYAR KARTA HU I LOVE YOU MAA…
good
kash meri ammi bhi mere pass hoti …maa bht yad ati ho aap mjhe miss u ammi 😡
all lines r true 👍
so. nice
I LIKE THIS THIS IS VERY GREAT QUOTES ……… THANK FOR THIS QUOTES ……. I Love You Mom …… PLZZ आप एक website father के लिए भी बना दीजिये…… एक शायरी मेरी तरफ से माँ के लिये
“माँ जब भी दुआए मेरे नाम करती है रास्ते की ठोकरे मुझे सलाम करती हैं”
BK NEELAM I Request to you plzz make for fathers……
THANKS….
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My Is Duniya Ko Chhod Jaunga Phir Bhi maa ko kabhi bhula nahi paunga Kyunki Mujhse Pyar Is Duniya Mein Kahin nahi rakha hai Chumma Ke Charno Mein Mera sir par rakh Is Duniya Mein Tumko Sari Duniya Tumko Bhool Jayenge Ek Mahi aisa hai jo Duniya Ko bhulne ke baad Bhi Apne bete ko yaad karta hai aur bete apni maa ko yaad karta hai
बहुत अच्छा संग्रह है माँ के लिए
Very nice images and thoughts
Bahot khub yaar rula diya